शुक्रवार, जुलाई 30, 2010

वजन घटाने के लिए जॉगिंग कारगर नहीं......


लंबे समय से आपको यह पता है कि जॉगिंग करके आप फिट रहेंगे। इससे आपकी फिटनेस का लेवल बढ़िया रहेगा। यह मेटाबॉलिजम बढ़ाकर मोटापा घटाता है। खास बात यह है कि इसके लिए सिर्फ बढ़िया जूते होने चाहिए, जगह कोई भी चुनी जा सकती है। लेकिन ब्रिटेन के एक पर्सनल ट्रेनर और एक्सपर्ट ग्रेग ब्रुक्स का दावा है कि दौड़ना हर समय कारगर नहीं होता। इससे जॉइंट स्ट्रेन और यहां तक कि हार्ट अटैक भी मुमकिन है।
ग्रेग ब्रुक्स के कददानों में कई सिलेब्रिटी और ऊंचे पदों पर बैठे लोग हैं। ग्रेग का कहना है कि कई लोग वजन घटाने के लिए दौड़ना शुरू कर देते हैं। यह हमेशा कारगर नहीं होता। इसकी वजह है कि छोटी मांसपेशियां ताकतवर बने रहने के लिए एनर्जी का इस्तेमाल कम करती हैं। हार्ट भी एक मांसपेशी है। आप हार्ट से जबरन लंबे समय तक काम लेते रहेंगे तो यह क्षमता बढ़ाने के लिए कम एनर्जी का इस्तेमाल करना चाहेगा और सिकुड़ेगा। अगर आप चाहते हैं कि हार्ट साइज बढ़ाए तो हार्ट को उस लायक मजबूत बनाना होगा। उसकी क्षमता का इम्तहान लेना ठीक नहीं।
रनिंग में एक ही मूवमेंट बार-बार होने से इंजरी मुमकिन है। इस शिकायत से तो कई लोग वाकिफ होंगे। उनके घुटने और टखने जॉगिंग के पैमाने पर फेल हो गए होंगे। 'डेली मेल' के मुताबिक ग्रेग ने कहा है कि जब आप दौड़ते हैं तो बॉडी वेट का ढाई गुना वजन जॉइंट्स के जरिये ट्रांसमिट होता है। दौड़ने के दौरान यह फोर्स बार-बार लगता है। आखिर में कमजोर जॉइंट जवाब दे देता है। आम तौर पर पहले घुटने और टखने जवाब दे देते हैं। एक चोट के कायम होते हुए भी दौड़ते रहने पर दूसरा कमजोर जॉइंट निशाने पर आ जाता है।
ग्रेग कहते हैं कि अगर आप मसल को गंभीर नुकसान पहुंचाना चाहें और मेटाबॉलिक रेट घटाना चाहें तो दौड़ते रहें। लंबी दूरी की दौड़ से आपके अंदर जमा एनर्जी का भंडार भी खत्म होता जाता है। ऐसे में एनर्जी के लिए मसल के टिश्यू टूटने लगते हैं। छरहरा बनने की बात तो दूर है, दौड़ने से फैट गेन हो सकता है। शरीर में एनर्जी का सबसे पसंदीदा सोर्स फैट है। आप जितना दौड़ेंगे, शरीर अपने आपको अगली दौड़ के लिए उतना ही तैयार कर लेगा। बॉडी एक हैरतअंगेज मशीन है और वह हर हालात मंजूर कर लेती है। आप दौड़ में जितने बेहतर होते जाएंगे, उतनी कम एनर्जी का इस्तेमाल करेंगे। उतनी कम कैलरी बर्न होगी। ऐसे में आप पहले के मुकाबले अगर ज्यादा वजन के हो सकते हैं...इसलिए....जॉगिंग कीजिए पर सोच समझ कर...
साभार-एनबीटी

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