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देश की पहली चेयरकार डबल डेकर ट्रेन ने पटरी पर उतरने के बाद पहली बाधा पार कर ली है। प्रोटोटाइप का सामान्य गति का परीक्षण सफल रहने के बाद अब ट्रेन के हाईस्पीड ट्राइल की तैयारी शुरू हो गई है। सामान्य रेलखंड पर ट्रेन की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जबकि हाईस्पीड खंड पर गति राजधानी व शताब्दी एक्सप्रेस की तरह 120 से 130 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) जल्द ही आगरा से बाजकोटा स्टेशन के बीच डबल डेकर की प्रोटोटाइप बोगी का हाईस्पीड ट्रायल करेगा। रेलवे बोर्ड के अधिकारी के मुताबिक, आरडीएसओ ने मुरादाबाद-बरेली रेलखंड पर मार्च से जून तक डबल डेकर के प्रोटोटाइप का परीक्षण किया था। इस दौरान झटके सहने के लिए एयर स्पि्रंग भरे एक्सल की जांच की गई। परीक्षण में केवल 47 टन भार वाला प्रोटोटाइप 110 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दौड़ने में उपयुक्त पाया गया। इस रेलखंड पर प्रोटोटाइप का परीक्षण सफल होने के बाद आरडीएसओ अब ट्रेन की गति और बढ़ाने की संभावनाएं तलाश रहा है। गति बढ़ने से कई रेलखंड पर यात्रियों का एक घंटा तक का समय बचाया जा सकेगा। इसकी कैशवर्दी डिजाइन वाली बोगियां अधिकतम गति से दुर्घटनाग्रस्त होने पर भी यात्रियों को सुरक्षित रखेंगी। इसे देखते हुए आरडीएसओ प्रोटोटाइप का हाईस्पीड ट्रायल कराने जा रहा है। लखनऊ से आए प्रोटोटाइप को जल्द ही आगरा भेजा जाएगा। फाइनल ट्रायल के बाद अगस्त में इसकी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी। यदि सब कुछ ठीक रहा तो रेलवे इस वर्ष अक्टूबर माह में पहली डबल डेकर दौड़ाने की झंडी दे देगा।
(जागरण से साभार)
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