रविवार, जून 13, 2010

प्रवासी भारतीयों को जल्द मिल सकता है वोटिंग का अधिकार


लाखों प्रवासी भारतीयों (एनआरआई)को मतदान का अधिकार देने के लिए लंबित मांग जल्द पूरी हो सकती है। जीओएम ने इस मुद्दे पर तैयार मसौदे को मंजूरी दे दी है। अब केंद्रीय कैबिनेट इस पर विचार करेगी....
प्रवासी मामलों के मंत्रालय द्वारा करीब 4 साल पहले तैयार मसौदा 'लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन)विधेयक' को रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी की अध्यक्षता वाले जीओएम ने मंजूरी दे दी। इसे जल्द ही इसे कैबिनेट के सामने पेश किए जाने की संभावना है।
प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री व्यालार रवि ने कहा कि रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाले जीओएम ने विधेयक को मंजूरी दे दी है। हम इसे कैबिनेट के सामने पेश करने वाले हैं और इसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि इस साल प्रवासी भारतीय दिवस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह विदेशों में रह रहे भारतीयों की वोट देने और भारत सरकार में भागीदारी की इच्छा को जानते हैं।
रवि ने कहा कि प्रवासी भारतीयों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी से दोतरफा संवाद को बढ़ावा मिलेगा और भारत के विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी में सहयोग मिलेगा।

सरकार ने 2006 में राज्यसभा में विधेयक को पेश किया था, जिसमें लोक प्रतिनिधित्व विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया था, ताकि प्रवासी भारतीयों को मतदान का अधिकार दिया जा सके। इसके बाद विधेयक को संसद की स्थायी समिति को भेजा गया और बाद में इसे जीओएम को भेजा गया था।

वर्तमान कानून के मुताबिक प्रवासी भारतीयों का नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाता है अगर वह एक बार में 6 महीने से ज्यादा के लिए देश से बाहर रहता है।