रविवार, अगस्त 29, 2010

चकोतरा खाएं...वजन घटाएं


चकोतरा यानी ग्रेप फ्रूट विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें नींबू और संतरे के सभी गुण मिलते हैं। यह वजन घटाने में मददगार होता है। इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसे लंच में सलाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसे खाने से आप खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे। यह डायबिटीज पर नियंत्रण रखने में मददगार साबित होता है। हाल ही में हुए शोध के मुताबिक चकोतरे में नारिंगगेनिन नामक एंटीआक्सीडेंट होता है। यह मधुमेह टाइप-दो के उपचार में इस्तेमाल हो रही दवाओं के निर्माण में काम में लाया जा रहा है।
इसके अन्य फायदों में शामिल हैं....
- यह पाचन में मददगार होता है।
- इसे खाने से त्वचा में चमक आती है।
- लिवर के लिए यह रामबाण है।
- यह ट्यूमर और कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करता है।
- चकोतरे का जूस वसारहित होता है। इस कारण वजन को नियंत्रित करने का कुदरती माध्यम है।

गुरुवार, अगस्त 12, 2010

आलस्य बुरी आदत नहीं बीमारी है.......


यदि आप सोचते हैं कि आलस्य केवल एक बुरी आदत है तो जरा फिर से विचार करें क्योंकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे बुरी आदत नहीं बल्कि एक बीमारी की संज्ञा देते हैं। इंपीरियल कॉलेज, लंदन और यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन की एक टीम का कहना है कि शारीरिक निष्क्रियता को बीमारी की श्रेणी में रखा जाना चाहिए, क्योंकि निष्क्रियता और खराब स्वास्थ्य में मजबूत संबंध है।

इंपीरियल कॉलेज, लंदन के डॉ. रिचर्ड वीलर ने कहा, 'हम इस बात का प्रस्ताव रखते हैं कि शारीरिक निष्क्रियता को बीमारी के तौर पर मानना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मोटापे को भी बीमारी की श्रेणी में रखा है और यह भी प्राय: व्यायाम नहीं करने का नतीजा होता है।' यह जानकारी जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित की गई है। ..इसलिए अगर आपको आलस्य ने परेशान कर रखा है तो संभल जाइए..क्योंकि कहीं आप अन्जाने में किसी बीमारी के मरीज तो नहीं बन रहे.....
साभार – एनबीटी

मंगलवार, अगस्त 10, 2010

लंबी उम्र देने वाले चमत्कारिक पौधे के मिलने का दावा !


अनादि काल से देवी-देवताओं एवं मुनियों को चिरायु बनाने और उन्हें बल प्रदान करने वाला पौधा रीवा के जंगलों में होने का दावा किया गया है। सैकड़ों वर्ष पहले पृथ्वी से विलुप्त हो चुके सोमवल्ली नामक इस दुर्लभ पौधे को लेकर वन विभाग का दावा है कि सोमवल्ली पौधा पूरी दुनिया में अब कहीं नहीं है।
मध्यप्रदेश में रीवा जिले के घने जंगल के बीच मिले इस पौधे को वन विभाग की नर्सरी में रोपित कर उस पर अनुसंधान किया जा रहा है। हजारों वर्ष पुराने इस विलुप्त पौधे के बारे में अब भले ही कहीं उल्लेख नहीं मिलता, लेकिन प्राचीन ग्रंथों एवं वेदों में इसके महत्व एवं उपयोगिता का व्यापक उल्लेख है।
प्राचीन ग्रंथों व वेद पुराणों में सोमवल्ली पौधे के बारे में कहा गया है कि इस पौधे के सेवन से शरीर का कायाकल्प हो जाता है। देवी देवता व मुनि इस पौधे के रस का सेवन अपने को चिरायु बनाने एवं बल सार्मथ्य एवं समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया करते थे। हालांकि सोमवल्ली पौधे के साथ कई अन्य दुर्लभ पौधे हैं, जिनका रस मिलाकर गुणकारी औषधियां बनाई जाती हैं, लेकिन इन पौधों के बारे में किसी को जानकारी नहीं है। रीवा के पूर्व मुख्य वन संरक्षक पी. सी. दुबे ने जिले के जंगल में इस पौधे को देखा और फिर उसके बारे में गहन अध्ययन किया। उन्होंने इस दौरान सैकड़ों वर्ष पुराने ग्रंथों और वेदों का भी सहारा लिया, तब इस पौधे की उपयोगिता सामने आई। दुबे ने बताया कि यह पौधा पृथ्वी से पूरी तरह विलुप्त हो चुका है। सामाजिक वानिकी रीवा की नर्सरी में लाए गए इस विलुप्त पौधे को वन विभाग द्वारा एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। सोमवल्ली के पौधे को सुरक्षित ढंग से रोपित कर उसका संरक्षण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस पौधे की खासियत है कि इसमें पत्ते नहीं होते। यह पौधा सिर्फ डंठल के आकार में लताओं के समान है। हरे रंग के डंठल वाले इस पौधे को नर्सरी में बेहद सुरक्षित ढंग से रखा गया है। साथ ही, जिले के जिस जंगल में यह पौधा मिला था, उसकी भी सुरक्षा की जा रही है।
उन्होंने बताया कि सोमवल्ली पौधा सैकड़ों वर्ष पहले विलुप्त हो चुका था, लेकिन जिले के जंगल में इसका मिलना विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस पौधे को लेकर रिसर्च एवं अनुसंधान की तैयारी की जा रही है, ताकि इसके बारे में वह सभी जानकारी सामने आ सके जो अभी पता नहीं है।
साभार - एनबीटी

रविवार, अगस्त 08, 2010

फिटनेस का फंडा



बॉलीवुड फिटनेस ट्रेनर सत्यजीत चौरसिया ने ढेर सारे फिल्म स्टार्स को फिटनेस ट्रेनिंग दी है। आईए पेश करते हैं इन्हीं के बताए गए फिटनेस के वही दस टिप्स, जो वे तमाम सिलेब्रिटीज को देते आए हैं :


1. ब्रेकफस्ट कभी मिस न करें। सुबह उठने के बाद दो घंटे के अंदर नाश्ता जरूर कर लें। नाश्ता आप हैवी भी ले सकते हैं।
2. हर दो-तीन घंटे के बाद कुछ न कुछ खाएं। चाहे वह दो बिस्कुट हो, चार-पांच बादाम हो, एक केला हो या फिर कोई फ्रूट। ये सब भी छोटे मील में काउंट होते हैं। बस, ध्यान रखें कि ये छोटे मील फ्राइड या स्वीट न हों।
3. लंच समय पर करें। सबसे बड़ी बात यह है कि रोटी या चावल को मिक्स न करें। एक वक्त में या तो रोटी ही खाएं या फिर चावल।
4. अपनी डायट में से फ्राइड और मीठा निकाल देंगे, तो तीन महीने में चार से पांच किलो वजन बैठे बिठाए ही कम हो जाएगा, इसके लिए आपको एक्सरसाइज करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
5. अगर जिंदगी भर फिट रहना चाहते हैं, तो हफ्ते में कम से कम चार बार सुबह पंद्रह मिनट एक्सरसाइज जरूर करें। अगर यह नहीं हो पाता है, तो आसपास ही कहीं पंद्रह मिनट का ब्रिस्क वॉक लें। ध्यान रखें कि वॉक के लिए जाते वक्त और वापस आते वक्त लिफ्ट का इस्तेमाल न करें।
6. मैदा न खाएं। बटर नान खाने की बजाय रोटी खाएं। मैदे से बना कोई भी आइटम अपनी डायट में शामिल न करें, क्योंकि इन्हें पचाने में मुश्किल होती है और ये हेल्दी भी नहीं होते।
7. खाने की शुरुआत एक बाउल सलाद से करें। उसके बाद जितनी भूख हो, उतना ही खाएं। खाने के आधे घंटे बाद एक गिलास छाछ जरूर पिएं।
8. रात का खाना बहुत हल्का होना चाहिए। रात को दो चपाती से ज्यादा न खाएं। हो सके तो 8 बजे से पहले ही अपना डिनर खत्म कर लें।
9. हो सकता है कि रोज जिम जाना-आना आपको समय की बर्बादी लगे, लेकिन ऐसा है नहीं। हालांकि यह जरूरी नहीं कि आप जिम में जाकर ही एक्सरसाइज करें। चाहे योगा हो, डांस हो या फिर कोई भी एक्सरसाइज, ये सब आपको हफ्ते में कम से कम चार बार जरूर करनी चाहिए।
10. चार मिनट की यह एक्सरसाइज मैंने ईजाद की है और सभी को यह करने की सलाह भी देता हूं। इसके तहत रोज पांच सूर्य नमस्कार, दस पुश अप्स और दस बैठक करें। यह महिला और पुरुष दोनों कर सकते हैं। इसे करने में सिर्फ चार मिनट ही लगते हैं, साथ ही आप यह एक्सरसाइज दिन में किसी भी वक्त कर सकते हैं। तीन महीने लगातार इसे करने से फर्क आपकी आंखों के सामने होगा।
साभार - एनबीटी

गुरुवार, अगस्त 05, 2010

बरसात में जुल्फों का रखें ख्याल


बारिश में भीगना आप कितना ही एंजॉय करें, लेकिन कुछ परेशानियां यह सीजन ऐसी लेकर आता है, जिससे बच पाना बहुत मुश्किल है। ऐसी ही एक प्रॉब्लम है कि बालों की। दरअसल, इस सीजन में बाल रफ व ड्राई हो जाते हैं, जिससे से आसानी से सेट नहीं होते। बावजूद इसके, इस सीजन में डिफरेंट हेयर स्टाइल, स्प्रे और जेल को अवॉइड करना चाहिए। इसके अलावा, गीले बालों को टाइट नहीं बांधना चाहिए, वरना बाल टूटने लगते हैं और इनमें डैंड्रफ तक हो जाती है।
वैसे, इस मौसम में आपको अच्छा और शॉर्ट हेयर स्टाइल प्रिफर करना चाहिए, क्योंकि छोटे बाल आसानी से मैनेज हो जाते हैं। हेयर स्टाइल ऐसा होना चाहिए, जो आपके फेस पर सूट करे और आपको एक परफेक्ट लुक दे। अगर आपका रंग फेयर है, तो शॉर्ट ब्लोंड पाटीर् हेयर कट आपको गॉजिर्यस लुक देगा। गौरतलब है कि इस तरह का हेयर कट बोल्ड और वसेर्टाइल महिलाओं को एक कॉन्फिडेंट लुक देता है। ट्रिकी लेयर हेयर कट बारिश की वजह से रफ व ड्राई हो गए बालों को स्ट्रेट व अटैक्टिव लुक देता है, वहीं चिन शॉर्ट मोवक हेयर स्टाइल बालों की उलझन दूर करके इन्हें आकर्षक बनाएगा। वैसे, ये सभी हेयर स्टाइल आसानी से मैनेज होने वाले हैं और इस सीजन में आपको एक स्मार्ट लुक भी देंगे।
चिन शॉर्ट मोवक हेयर स्टाइल और लेयर कट, इस सीजन में बालों को अट्रैक्टिव लुक देने के साथ इसकी बहुत सारी परेशानियों को भी दूर करते हैं। इनके साथ आपको बालों में रेग्युलर प्रेसिंग करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। ध्यान रखें कि कुछ हॉट ट्रीटमेंट्स इस मौसम में बालों को पर्मानेंट डैमेज भी कर सकते है।
बारिश के मौसम एक बात और ध्यान रखने वाली है कि इस दौरान बालों को कम से कम धोना चाहिए। बालों को डैमेज होने से बचाने के लिए एक आप अच्छा कंडीशनर यूज करें। वैसे, बालों को सॉफ्ट व सिल्की बनाने के लिए सीरम भी लगाया जा सकता है। माइल्ड शैंपू और कंडिशनर का सही व रेग्युलर यूज आपके बालों की खोई नमी लौटा सकता है। चूंकि इस सीजन में बालों में डैंड्रफ के अलावा स्काल्प में इंफेक्शन भी हो सकता है, इसलिए बालों पर एक्स्ट्रा ध्यान देना जरूरी है। ऐसे में गीले बालों को तौलिए से रगड़कर न पोंछें और बारिश में भीगने पर अच्छे शैंपू से बालों को धोएं। हफ्ते में एक बार मेडिकेटेड शैंपू लगाना भी ठीक रहेगा।

मंगलवार, अगस्त 03, 2010

पेट्स आर बेस्ट फॉर हेल्थ


मन बहलाने के साथ-साथ पेट्स हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होते हैं। स्ट्रेस व डिप्रेशन से बाहर निकलाकर यह आपको कई दिक्कतों से बचाते हैं: पेट्स इंसानों के बेहतरीन दोस्त होते हैं। आपके हर पल और सुख-दुख में साथ निभाने वाला यह जानवर आपके जीवन में कई तरह पॉजिटिव रोल निभाता है। रिसर्च से यह साबित हो चुका है कि घर में पेट्स रहने से माहौल खुशनुमा बना रहता है और नेगेटिविटी से इंसान दूर रहता है। यह न केवल स्ट्रेस को कम करता है, बल्कि कई बड़ी दिक्कतों में भी आपको सुकून देता है।
मूड को रखे ठीक
मूड को ठीक बनाने में पेट्स बहुत काम आते हैं। आप कितने भी खराब मूड में घर पहुंचें, अगर घर में कोई जानवर है, तो उसे देखते ही आपका मूड ठीक हो जाएगा। यही नहीं, यह आपकी खुशियों में भी इजाफा करता है। रिसर्च के मुताबिक, अगर आप स्ट्रेस में हैं और घर लौटकर पेट्स के साथ समय बिताते हैं, तो तकरीबन 15 मिनट में ही स्ट्रेस व डिप्रेशन बहुत हद तक कम हो जाता है। यही नहीं, एड्स व अल्जाइमर से पीड़ित लोगों की लाइफ में भी पालतू जानवर पॉजिटिव रोल निभाता है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, घर में पेट्स की मौजूदगी फिजिकल तौर पर भी कई तरह के पॉजिटिव बदलाव लाती है। कॉलेस्ट्रॉल और हॉर्मोंस लेवल को ठीक रखने रखने में भी पेट्स काम आते हैं। हेल्थ के अलावा, ये आपका सोशल सर्कल भी बढ़ाते हैं। दरअसल, जब आप अपने पालतू जानवर को लेकर बाहर निकलते हैं, तो खुद ब खुद दूसरे पेट्स के ओनर्स से अपने-अपने पेट्स और अन्य मुद्दों पर बातचीत करने लगते हैं, जो आपका सामाजिक दायरा बढ़ाता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल
अगर आपने कुत्ता या बिल्ली पाली हुई है, तो आपको अपने ब्लड शुगर को चेक करवाने की जरूरत नहीं है। दरअसल, ब्लड शुगर को मैनेज करने में ये जानवर आपकी खूब मदद करते हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ने के बाद होने वाली टेंशन से अगर आप बचना चाहते हैं, तो अपने पेट्स के साथ कुछ पल बिताकर आप सुकून महसूस करेंगे। यही नहीं, यह धैर्य बनाए रखने में तो मदद करता ही है, आपको शॉर्ट टेंपर्ड होने से भी बचाता है।
एक्सरसाइज करने का बहाना
अगर आप एक्सरसाइज करने से बचते हैं, तो घर में कोई जानवर पालें। एक्सरसाइज को रुटीन में लाने के लिए पालतू जानवर काफी काम आते हैं। उसे घुमाने के लिए आपको दिनभर में दो बार तो बाहर निकलना ही पड़ता है, ऐसे में आपकी रोजाना अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है। यही नहीं, एक्सरसाइज के लिए मोटिवेट करने में भी ये बेहद फायदेमंद हैं। बता दें कि अगर आप रोजाना 30 मिनट के लिए अपने पालतू के साथ बाहर निकलते हैं, तो आप गठिया और दूसरी कई बीमारियों से बचे रह सकते हैं। अगर आप अपने पालतू के साथ केवल 10 से 15 मिनट खेलने में बिताएं, तो भी आपको जबर्दस्त फायदा होता है। सुबह-सुबह आपको अपने पालतू को रोजमर्रा के रूटीन के लिए घुमाने के लिए ले जाना पड़ता है, तो इससे आपकी हड्डियां मजबूत बनेंगी। दरअसल, सुबह के समय की सूरज की किरणें आपको विटामिन डी देती हैं।
अकेलेपन से छुटकारा
घर में जानवर रहने से आपको अकेलेपन की कमी नहीं खलती। खासतौर पर अगर आप बैचलर हैं, तो घर में उसकी मौजूदगी आपको अकेलेपन से निजात दिलाएगी। दरअसल, पेट्स हमेशा मालिक से चिपककर लेटता है, जो आपको अपनेपन का अहसास दिलाता है। यही नहीं, इसका प्यार आपके लिए अनकंडिशनल होता है। आपको अच्छी तरह अंडरस्टैंड करने के साथ-साथ यह आपके मूड को भी समझता है।
एलर्जी से बचाव
माना जाता है कि घर में पेट्स एलर्जी व इंफेक्शन होने का कारण होते हैं। लेकिन रिसर्च से साबित हो चुका है कि घर में पेट्स के रहने से एलर्जी होने के चांस बेहद कम हो जाते हैं। यह आपका इम्यून सिस्टम भी फिट बनाए रखता है और आपके लिए कई तरह से फायदेमंद होता है।
लाइफ गार्ड
ट्रेंड डॉग्स बीमार व्यक्ति को जल्दी रिकवर करने के साथ ही ब्लाइंड और हैंडीकैंप लोगों की मदद में भी काम आते हैं। जाहिर है, पेट्स आपकी लाइफ में अहम भूमिका निभाते हैं। बस अगर रोजाना इन्हें अपना कुछ समय दें, तो वे आपके अच्छे दोस्त बन सकते हैं।

साभार - एनबीटी

सोमवार, अगस्त 02, 2010

अगर आप फिट रहना चाहें तो.......


भागदौड़ से भरी जिंदगी में खुद को फिट रखना किसी चुनौती से कम नहीं। प्रोफेशनल लाइफ का अंदाज कुछ इस तरह बदल रहा है कि काम का कोई तय वक्त नहीं है। कोई नाइट शिफ्ट करता है, तो किसी के लिए देर रात तक घर लौटना आम बात है। ऑफिस का स्ट्रेस, कॉम्पिटीशन और रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े सवाल, ऐसे में खुद को फिट रखने की जरूरत बेहद बढ़ गई है। हालांकि यह ज्यादा मुश्किल नहीं....इसके लिए बस अगर आप रोज केवल 30 मिनट निकाल लें, तो आपकी दिक्कतें आसान हो जाएंगी। हालांकि सेहतमंद बने रहने के लिए इन दिनों कई तरीके मौजूद हैं, जिनमें जिम, एरोबिक्स, योग वगैरह काफी पॉपुलर हैं।
यही वजह है कि अब जिम के साथ स्पा, योग, डांस और एरोबिक्स वगैरह की काफी डिमांड है। स्पा में कई चीजें करना लोग पसंद करते हैं, लेकिन इन दिनों चिल्ड शॉवर और स्टीम लोगों के पसंदीदा सेशन बने हुए हैं। एरोबिक्स में अगर स्टेप का ध्यान रखकर चला जाए, तो यह कैलरीज घटाने के साथ बॉडी को एनर्जेटिक रखने में खासी मदद करती है।'
इसके अलावा, योग की तरफ भी हर उम्र के लोगों का रुझान खूब बढ़ा है, उसमें पंचकर्मा (कई योगों का मिश्रण) को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। जो लोग एक्सरसाइज को फन की तरह लेते हैं, उनके लिए बॉलिवुड गानों पर डांस करना अच्छा ऑप्शन है। हालांकि इसमें भी ट्रेनर की जरूरत होती है।
एक सर्वे रिपोर्ट बताती है कि फिट रहने के लिए जिम हर एज ग्रुप के लिए पॉपुलर है। जिम में कई तरह के फिटनेस इक्विपमेंट्स होते हैं और इनसे हर बॉडी पार्ट पर वर्कआउट किया जा सकता है। इलैक्ट्रिकल ट्रेडमिल में आप अपने स्टेमिना के हिसाब से स्पीड तय कर सकते हैं। साथ ही, इनमें इस तरह के कंट्रोल पैनल भी मिलने लगे हैं, जो आपको बर्न आउट कैलरी कांउट भी बताते रहते हैं।
ऐसे भी ट्रेडमिल मॉडल भी हैं, जिनका स्लोप आप बढ़ा-घटा सकते हैं। इस परें रोजाना 10 से 20 मिनट की वॉकिंग आपके लिए फायदेमंद रहेगी। साइकलिंग में भी मैनुअल व इलेक्ट्रिक दोनों ऑप्शंस हैं। इसके अलावा, स्टैंडिंग साइकलिंग, एबी रोलर्स, स्ट्रेचिंग मशीन जैसी चीजें भी आपके लिए फायदेमंद रहेंगी।
एरोबिक्स
इन दिनों वजन घटाने के लिए एरोबिक्स खासी पॉपुलर है। इस तकनीक से तुरंत कुछ ही दिनों में वजन घटाया जा सकता है। यह संगीत पर किया जाने वाला व्यायाम है , जिसे लगातार करने से एक्स्ट्रा फैट कम होता जाता है। दरअसल , यह बहुत स्पीड में किया जाता है , इसलिए इसमें कैलरीज भी बाकी एक्सरसाइज से ज्यादा बर्न होती हैं। एक मिनट में बॉडी के तमाम पार्ट्स मूव करने से इसमें से इसमें ज्यादा फायदा होता है।

अगर आप पहली बार इसे करने जा रहे हैं , तो सबसे पहले अपनी मांसपेशियों को कुछ दिन हल्की - फुल्की एक्सरसाइज करके एरोबिक्स के योग्य बना लें। कई लोग घर में ही इसे करना प्रिफर करते हैं , इसलिए एरोबिक्स का कसेट चुनते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह आपकी क्षमता के अनुसार हो। अगर शुरुआत कर रहे हैं , तो फॉर द बिगिनर्स कहकर ही कसेट खरीदें।

लेकिन जब भी शुरू करें , डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इसके अलावा , स्लिमिंग सेंटर जाने वाले लोगों की तादाद भी खूब बढ़ी है। पंजाबी बाग के ' चेंज ' स्लिमिंग सेंटर की निरुपमा कहती हैं , ' यहां खाने से लेकर कैलरीज इंटेक और बर्न होने का पूरा चार्ट बनाया जाता है और फिर बॉडी की जरूरत के मुताबिक वेट लॉस प्रोग्राम तय किया जाता है। इससे कम समय में ही काफी फायदा दिखने लगता है। वैसे , इसमें बॉडी के पार्ट की जरूरत के मुताबिक भी प्रोग्राम तय किए जाते हैं। '

योग
दिन में अगर 20 मिनट योग के लिए निकाल लिए जाएं , तो हेल्दी रहना मुश्किल नहीं है। राजौरी गार्डन की नेहरू मार्केट स्थित इंटरनैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ऑल्टरनेट साइंस के जगमोहन सचदेवा कहते हैं , ' पिछले पांच सालों में लोगों में योग के लिए रुझान जबर्दस्त तरीके से बढ़ा है। खासतौर पर पावर योगा हर उम्र के बीच खूब पसंद किया जा रहा है। लोग इसे बॉडी शेप , बॉडी स्ट्रेंथ और वेट लॉस के लिए कर रहे हैं। वैसे , योग के जरिए कई बीमारियों पर भी काबू पाया जा सकता है। '

दरअसल , योग की कुछ आसान क्रियाओं से न केवल दिनभर के लिए ताजगी मिलती है , बल्कि इसे नियमित रूप से करने पर शरीर भी स्वस्थ रहता है। बहुत से लोग यह समझते हैं कि कसरत और योगासन में कोई अंतर नहीं है , जबकि ऐसा नहीं है। कसरत करने पर शरीर को थकान महसूस होती है , जबकि योगासन से थकान नहीं होती ।
सौजन्य - एनबीटी

रविवार, अगस्त 01, 2010

सुरक्षित नहीं बैंकों के एटीएम


बैंकों के एटीएम भी साइबर अपराधियों की पहुंच से बाहर नहीं हैं। अमेरिका के एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने इसका प्रदर्शन करके दिखाया है कि कैसे हैकर्स द्वारा उपयोग किए जा रहे एक सॉफ्टवेयर से बिना पासवर्ड जाने ऑटोमेटिक टेलर मशीन (एटीएम) की पूरी नकदी निकाली जा सकती है।
सिएटल की आईओ एक्टिव एजेंसी के निदेशक बर्नाबी जैक ने प्रदर्शन के दौरान मंच पर दो एटीएम लगाए और दर्शकों के सामने मशीन का केवल एक बटन दबाया और मशीन से पैसा पानी की तरह बहने लगा, फर्श पर नोटों का ढेर लग गया।
सीबीएस न्यूज के मुताबिक न्यूजीलैंड के नागरिक जैक ने बताया कि हैकर टेलीफोन मॉड़ा के जरिए एटीएम से संपर्क स्थापित कर लेता है और मशीन बिना पासवर्ड के इसमें मौजूद पूरी नकदी बाहर निकाल देती है।
सैन जोस में रह रहे जैक ने कहा, ''मुझे उम्मीद है कि इससे लोगों का इन उपकरणों को पूरी तरह सुरक्षित मान लेने का नजरिया बदलेगा जो कि ऊपरी तौर पर अभेद्य नजर आते हैं।''
जैक ने कहा, ''मैंने हर तरह की एटीएम मशीन में ऐसी संभावनाएं पाई हैं जिनसे हमलावर इन मशानों से पूरी नकदी निकाल सकता है।''
सौजन्य – लाईव हिंदुस्तान

अस्थमा के मरीज न करें स्मोकिंग


अस्थमा के मरीज को यदि सही समय पर सही दवाइयां दी जा रही है तो डरने की कोई बात नहीं है। वह एक स्वस्थ व्यक्ति की तरह अपनी जिंंदगी जी सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि मरीज का इलाज एक योग्य डॉक्टर द्वारा किया जा रहा हो। कई बार मरीज या उसके परिवार के लोग खुद मेडिकल स्टोर से खरीदकर दवाइयां इस्तेमाल करे है। यह मरीज के लिए प्राणघात हो सकता है।
यह कहना है डॉ. राजपाल का जो दिल्ली में मयूर विहार फेज-1 में आयोजित एक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। सेमिनार में भारी संख्या में ऐसे लोगों की संख्या भी अच्छी खासी थी जो खुद या फिर उनके परिवार का कोई सदस्य अस्थमा से पीडि़ता है। डॉ.राजपाल ने बताया कि अस्थमा से मतलब सांस फूलने से है। दरअसल, जब कोई व्यक्ति सांस लेने के दौरान अंदर गई ऑक्सीजन को बाहर नहीं निकाल पाता है तो उसे सीने में जकड़न सी महसूस होने लगती है। जब तक ऑक्सीजन बाहर नहीं निकल जाता तब तक उसे चैन नहीं आता। इसकी मुख्य वजह फेफड़ों के अंदर मौजूद एयर रेज सिकुड़ना होता है। उन्होंने बताया कि अस्थमा कोई संक्रामक बीमारी नहीं है।
माता-पिता में से यदि कोई एक अस्थमा से पीडि़त है तो यह उनके बच्चों को होने की संभावना रहती है। जिन लोगों को अस्थमा है, उनके लिए स्मोकिंग जानलेवा साबित हो सकती है। अस्थमा पीडि़त व्यक्ति को धुएं, धूल, परफ्यूम और वार्निश आदि से भी दिक्कत होती है। उन्होंने कई बड़े नाम और खिलाड़ियों का उदाहरण देते हुए कहा कि अस्थमा से पीड़ित होने के बावजूद वे अपनी लाइफ अच्छी तरह से जी रहे है। इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि वे लगातार दवाइयां ले रहे हैं। जिन लोगों ने दवाइयां लेने में लापरवाही बरती उन्हें उसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा।
डॉ. राजपाल ने कहा कि मशहूर फिल्म अभिनेता और निर्माता निर्देशक राजकपूर और महमूद भी अस्थमा से पीड़ित थे। इन दोनों ही हस्तियों ने इलाज में लापरवाही बरती। उनकी इसी लापरवाही के कारण अस्थमा उनकी मौत का कारण बना। उन्होंने कहा कि अस्थमा अटैक के समय इनहेलर का इस्तेमाल सही है, लेकिन ज्यादातर लोगों को इनहेलर का इस्तेमाल करना भी नहीं आता।
सौजन्य-एनबीटी